हम श्री दिगंबर जैन पंचबालयति मंदिर ही नहीं अपितु सद्ज्ञान संस्कार और श्रमण संस्कृति के उच्च आदर्शो को जन जन में स्थापित करने का स्वप्न लेकर आपके सामने आये है। जिन्हे साकार करने का महान कार्य आपको करना है।
संयम, साधना ज्ञान, जागरण, सेवा, सदभावना को विस्तारित करने की योजना में संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के प्रिय शिष्य ऐलकश्री सिद्धांतसागरजी महाराज के आशीर्वाद एवं आप सभी के उदार सहयोग से तीन मंज़िला 108 फुट उत्तुंग भव्य श्री पाँचबालयति जिनलाय, संत निवास, त्यागी व्रती आश्रम, अतिथि निवास, छात्रावास, ध्यान केंद्र एवं पुस्तकालय निर्मित हो चुका है । जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।
दिव्यता, भव्यता और नव्यता से परिपूर्ण इस केंद्र पर शीघ्र ही समस्त गतिविधियां विधिवत रूप से संचालित होने जा रही है । कृपया आप इन योजनाओ में अपनी सक्रिय सहभागिता प्रदान कर पुण्यार्जन करें।
प्रश्न डाऊनलोड के लिये यहा क्लिक करे !
प्रतियोगिता के प्रश्न,
उत्तर पत्रक
पुस्तकें:
विशुद्धि के विलक्षण पल,
दान चिंतामणि,
खादी का इतिहास,
जैन साहित्य में विकार,
जैन गौरव,
हाइकू पुस्तक,
ज्योतिर्मय निर्ग्रन्थ,
आपके नगर, शहर, या आसपास साधु-साध्वी का चातुर्मास हो उसकी विस्तृत जानकारी संस्कार सागर कार्यालय मे प्रेषित करने का कष्ट करे! साधु/साध्वी का नाम, गुरु, कुल संख्या, चातुर्मास स्थल का पिनकोड सहित संपर्क सूत्र फोन व मोबाइल सहित प्रेषित करे जिससे उसे आगामी चातुर्मास विशेषांक में प्रकाशित किया जा सके !!